आने वाले सिंहस्थ में होगा लाभ
साल 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ महाकुंभ का आयोजन होना है। इस दौरान देश और दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचेंगे। सिंहस्थ के दौरान वंदे मेट्रो ट्रेन का फायदा उन श्रद्धालुओं को भी मिलेगा, क्योंकि यह ट्रेन दोनों शहरों के बीच में एक से अधिक चक्कर लगाएगी। श्रद्धालुओं को आधुनिक और आरामदायक सफर की सौगात मिल सकेगी।
मेट्रो की तरह आठ कोच होंगे
वंदे भारत ट्रेन में 16 कोच होते हैं और यह लंबी दूरी के शहरों के बीच चलती है, जबकि वंदे मेट्रो ट्रेन मेट्रो की तरह आठ कोच में चलेगी। यह वंदे भारत ट्रेन का कम दूरी का वर्ज़न है, जो 100 किमी से कम दूरी के शहरों के बीच चलाई जाती हैं।
नौकरीपेशा और विद्यार्थियों को फायदा
इंदौर से उज्जैन के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू होने से दोनों शहरों के बीच आवागमन आसान हो जाएगा। इससे विद्यार्थियों को आने-जाने में आसानी होगी। वह पढ़ाई के लिए रोजाना आना-जाना कर सकेंगे। साथ ही नौकरीपेशा लोग भी आसानी से आना-जाना कर सकेंगे। दोनों शहरों के बीच में नौकरी करने वाले लोग अभी परेशान होते रहते हैं।
यह रहेगी वंदे मेट्रो में खासियत
- 100 किमी दूरी वाले शहरों के बीच संचालन।
- मेट्रो ट्रेन की तरह आठ कोच रहेंगे।
- यात्रियों को रैपिड शटल जैसा अनुभव मिलेगा।
- वंदे भारत एक्सप्रेस का कम दूरी का वर्जन।
- कम दूरी के शहरों के बीच एक से अधिक चक्कर लगाएगी।