इस्लामाबाद: भारत में अंग्रेजों का शासन सन् 1947 में बंटवारे के साथ खत्म हुआ और पाकिस्तान बना। 14 अगस्त को जहां पड़ोसी मुल्क अपनी आजादी का जश्न मनाता है तो 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस होता है। दोनों देशों के बीच पिछले चार साल से तनाव की स्थिति है, हालांकि शांति बनी हुई है। लेकिन इसके बावजूद इस बार दोनों देशों की तरफ से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक-दूसरे को बधाई संदेश नहीं दिया गया है। पाकिस्तान की मीडिया का कहना है कि शांति काल में यह पहला मौका है जब एक दूसरे को आजादी की सालगिरह पर कोई भी बधाई नहीं दी गई है।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने की पुष्टिपाकिस्तान के अखबार द न्यूज ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और खराब हो चुके हैं। परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसियों ने शांतिकाल के दौरान पहली बार अपने-अपने स्वतंत्रता दिवस पर औपचारिक शुभकामनाओं के आदान-प्रदान की परंपरा को खत्म कर दिया है। यह घटनाक्रम बताने के लिए काफी है कि दोनों के बीच रिश्ते किस हद तक बिगड़ गए हैं।
पाकिस्तान ने 14 अगस्त को अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जबकि भारत ने उसके एक दिन के बाद इसका जश्न मनाया। 14 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर शहबाज शरीफ का ऑफिस में आखिरी दिन भी था। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने पुष्टि की है कि पाकिस्तान और भारत द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किसी भी तरह की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान नहीं किया गया।
पीएम मोदी ने नहीं दी बधाई
निवर्तमान सरकार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बधाई संदेश का इंतजार करती रह गई। उसी दिन, अनवर-उल-हक कक्कड़ ने पाकिस्तान के आठवें कार्यवाहक प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने भी भारत के स्वतंत्रता दिवस पर सलामी न भेजने को तरजीह दी। पाकिस्तान की मीडिया की मानें तो भारत के पीएम ने इस बार पदभार संभालने वाले सरकार के मुखिया का अभिवादन भी नहीं किया। अंतरिम पीएम कक्कड़ की सरकार के तीसरे दिन तक नई दिल्ली की तरफ से कोई मैसेज नहीं भेजा गया था। देश के विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में इन नए 'रुझानों' के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।
'भारत की वजह से बिगड़े संबंध'
पाकिस्तानी मीडिया का कहना है इससे साफ है कि दोनों के रिश्ते कितने तल्ख हो चुके हैं। जियो न्यूज का कहना है कि दोनों देशों के बीच संबंध मुख्य रूप से भारत के नेतृत्व के आक्रामक रवैये की वजह से बिगड़े हैं। लेकिन जब से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार सत्ता में आई और पीएम के तौर पर मोदी ने पदभार संभाला है तब से संबंध और भी खराब हो गए है। नवंबर 2016 में भारत ने पाकिस्तान में होने वाले सार्क शिखर सम्मेलन में हिस्सा न लेने का ऐलान किया।