बीजिंग: चीन में बीते कुछ दिनों में न्यूमोनिया जैसी एक बीमारी बच्चों में तेजी से फैली है। करीब दो हफ्ते में ही इस बीमारी की चपेट में आए मरीजों से अस्पताल भर गए हैं और कई इमरजेंसी कदम स्थानीय स्तर पर उठाने पड़े हैं। इसने विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनियाभर के देशों को चिंता में डाल दिया है। जिस तरह से ये बीमारी फैली है, उसने कोरोना संक्रमण के फैलने की यादों को ताजा कर दिया है। उत्तरी चीन से ये बीमारी फैलनी शुरू हुई है। ऐसे में ये जान लेना जरूरी है कि इसके लक्षण क्या हैं, अभी तक इसके बारे में कितनी जानकारी है और इससे बचाव के क्या उपाय हैं।10 दिन पहले, 13 नवंबर को चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अफसरों ने जानकारी दी थी कि देश में एक नई बीमारी के मरीजों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जिसमें मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही है। खासतौर से बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित हैं। बयान में कहा गया था कि देश के उत्तरी क्षेत्रों में पिछले तीन सालों की इसी अवधि की तुलना में इस साल 15 अक्टूबर के बाद से से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी देखी जा रही है, जो तेजी से बढ़ रही है। 21 नवंबर को सार्वजनिक रोग निगरानी प्रणाली प्रोमेड ने उत्तरी चीन में बच्चों में न्यूमोनिया जैसी बीमारी होने के बारे में सूचना दी, जब अस्पताल मरीजों से भरने लगे थे।अस्पतालों में नहीं नए मरीजों के लिए जगह
चीन के कुछ क्षेत्रों, खासतौर से बीजिंग, लियाओनिंग और आसपास के इलाकों के अस्पतालों में इस रहस्यमयी बीमारी से प्रभावित बच्चे सबसे ज्यादा आ रहे हैं। निमोनिया जैसे लक्षण वाले रोगियों से अस्पताल भर गए हैं। इन रोगियों से दूरी बनाने और मिलते हुए मास्क जैसी एहतियात बरतने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि ये बीमारी किसी वायरस की वजह से फैल रही है, या इसका कारण कोई और है।
अभी तक इस रहस्यमयी बीमार की चपेट में आए लोगों में बीमारी के शुरुआती लक्षण निमोनिया की तरह हैं। इन मरीजों को बुखार और खांसी के साथ सांस लेने में कठिनाई हो रही है। बीमारी में खासतौर से फेफड़ों पर असर हो रहा है। कुछ मामलों में घर पर ही रोगी ठीक भी हो रहे हैं तो कुछ रोगियों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता हो रही है। अलग-अलग मरीजों की बीमारी की गंभीरता अलग दिख रही है। ये एक हद तक कोरोना संक्रमण के लक्षणों से भी मिलता है।
चीन और डब्ल्यूएचओ ने बीमारी पर क्या कहा
चीने के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि के लिए कोविड-19 प्रतिबंधों को हटाने और इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया (बच्चों में एक आम संक्रमण, आरएसवी) और कोविड के चलते बनने वाले वायरस सहित जैसे रोगजनकों के प्रसार को जिम्मेदार ठहराया है। दूसरी ओर डब्ल्यूएचओ इस बीमारी को लेकर चिंतित है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि उसकी ओर से चीन से सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि और बच्चों में निमोनिया के समूहों की रिपोर्ट के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आधिकारिक अनुरोध किया गया है।
डब्ल्यूएचओ की ओर से गाइडलाइन भी जारी की गई हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि चीन में लोग सांस संबंधी बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए टीकाकरण, बीमार लोगों से दूरी उचित दूरी बनाकर रखना,बीमार होने पर घर पर में एकांत में रहना, जरूरत पड़ने पर टेस्ट परीक्षण और डॉक्टर की सलाह, उचित रूप से मास्क पहनना और नियमित रूप से हाथ धोने जैसी बातों का पालन करें।