जयपुर : राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस जमकर जोरआजमाइश में जुटी है। ऐसे में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ-साथ IOC मेंबर्स भी पहुंचे हैं। पिछले दो हफ्तों में सैकड़ों इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (IOC) सदस्य राजस्थान आए हैं। 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग है। ऐसे में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार के लगातार दूसरे कार्यकाल को लेकर वो बड़े पैमाने पर प्रचार में जुटे हैं। हालांकि, अब प्रचार अभियान गुरुवार शाम को समाप्त हो रहा है। देखना होगा कि कांग्रेस के इस चुनाव प्रचार का कितना फायदा पार्टी को होगा।
कांग्रेस के प्रचार में विदेशी सदस्यों की एंट्री
आईओसी सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ, जो राज्य में एनआरआई के साथ मिलकर प्रचार कर रहे हैं उन्होंने अपनी प्लानिंग का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पिछले दो सप्ताह के दौरान सैकड़ों एनआरआई चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए राजस्थान लौटे हैं। वे घर-घर जाकर पार्टी के अभियान में भी शामिल हो रहे। घर-घर जाकर कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां भी गिना रहे।
वीरेंद्र वशिष्ठ ने बताया पूरा प्लान
वीरेंद्र वशिष्ठ ने कहा कि रेगिस्तानी राज्य में कांग्रेस सरकार के कार्यों को उजागर करने के लिए एनआरआई स्वयं अपने गृह राज्य लौट आए हैं। आईओसी नेता ने कहा कि गैर-निवासी इस बात पर प्रकाश डाल रहे हैं कि कैसे कांग्रेस सरकार ने 2018 में किए गए 10 वादों को पूरा किया है और कैसे सात गारंटी उन्हें फिर से मदद करेगी। उन्होंने कहा कि आईओसी परिवार के सदस्यों ने जैसमलेर, जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, उदयपुर और राज्य के कई अन्य जिलों में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है।
क्या कांग्रेस को मिलेगा फायदा
आईओसी सचिव ने कहा कि वे व्यापारिक समुदाय से मिल रहे हैं और कांग्रेस सरकार के काम को उन तक पहुंचा रहे हैं। 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। कांग्रेस रेगिस्तानी राज्य में लगातार दूसरे कार्यकाल पर नजर गड़ाए हुए है, जहां पिछले तीन दशकों से वैकल्पिक पार्टी सरकारों की परंपरा देखी जा रही है।