वॉशिंगटन: अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई ने भारत के खिलाफ धमकी देने वाले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को विफल करने का दावा किया है। एफबीआई ने कहा कि पन्नू को अमेरिकी धरती पर मारने की साजिश रची जा रही थी। पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की नागरिकता है। ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने भारत सरकार को इसको लेकर चेतावनी दी है। इस दावे के बाद अब कई लोग दावा कर रहे हैं कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते कनाडा की तरह से खराब हो सकते हैं। इस अटकल से विशेषज्ञ सहमत नहीं नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते बहुत प्रगाढ़ हैं।
अमेरिका के विल्सन सेंटर में दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगलमैन कहते हैं, 'अमेरिका का खालिस्तान के मुद्दे को लेकर रवैया कनाडा से ज्यादा स्वस्थ है। अमेरिकी अधिकारियों ने हिंसा के मामलों की निंदा की है। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर इस साल दो हमले शामिल हैं। वहीं अमेरिकी अधिकारियों ने पन्नू की हत्या के साजिश के मामले को भारत के साथ प्राइवेट तरीके से यह मामला उठाया है न कि सार्वजनिक रूप से।' इससे पहले कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले को सार्वजनिक रूप से उठाया था और भारतीय खुफिया एजेंसी के खिलाफ बिना ठोस सबूत के आरोप लगा दिए थे।
'भारत और अमेरिका के रिश्ते नहीं होंगे खराब'
कुगलमैन कहते हैं कि भारत चाहता है कि खालिस्तानी हिंसा पर अमेरिका अधिक से अधिक कार्रवाई करे। वहीं अमेरिका की चिंताएं कि भारत अमेरिका में सिखों के खिलाफ कार्रवाई/धमकी दे सकता है और यह बहुत वास्तविक है। कुगलमैन कहते हैं कि लेकिन अमेरिकी दृष्टिकोण (कनाडा के दृष्टिकोण की तुलना में) और अमेरिका-भारत संबंधों की मजबूती (भारत-कनाडा से मजबूत) के कारण, फाइनेंशियल टाइम्स के दावे से बड़े संकट की संभावना नहीं है। बताया जाता है कि पन्नू खुद भारत को चेतावनी देने वाले अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए का एजेंट है।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस के आतंकी पन्नू को अमेरिका की धरती पर ही मारने का प्लान था। इस मामले से जुड़े लोगों ने यह नहीं बताया कि क्या भारत सरकार के साथ दर्ज कराए गए विरोध की वजह से साजिशकर्ताओं ने अपने प्लान को रद कर दिया या एफबीआई ने हस्तक्षेप किया और पूरी साजिश को विफल कर दिया। अमेरिका ने अपने कुछ सहयोगी देशों को इस साजिश के बारे में बताया था। यह घटना कनाडा में सिख आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई थी।
कनाडा के पीएम ने भारत पर मढ़े थे आरोप
इससे पहले सितंबर महीने में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि निज्जर की कनाडा के एक गुरुद्वारे में हुई हत्या में भारत के एजेंटों के शामिल होने के 'विश्वसनीय आरोप' हैं। ताजा दावे में एक सूत्र ने कहा कि पीएम मोदी की जून में अमेरिका यात्रा के बाद यह विरोध दर्ज कराया गया था। इस राजनयिक चेतावनी के अलावा अमेरिका के संघीय अभियोजकों ने एक कथित साजिशकर्ता के खिलाफ न्यूयॉर्क के जिला अदालत में एक सीलबंद अभियोग फाइल किया है।