पिछले दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिले की सभी 7 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन 6 माह बाद हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी नकुल नाथ को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से लेकर पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने न केवल उपचुनाव में प्रचार किया बल्कि आदिवासी विधायकों को क्षेत्रवार तैनात भी किया गया।
लोकसभा चुनाव के समय वे विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गए। इसका नुकसान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उठाना पड़ा और वह अपनी इस परंपरागत सीट पर भी चुनाव हार गई। उपचुनाव में भाजपा ने कमलेश शाह पर ही दांव लगाया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा से लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रचार किया। वहीं, कांग्रेस ने भी पूरी दम लगाई। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रचार के अंतिम दिनों में मोर्चा संभाला तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह पहुंचे।
आदिवासी विधायकों को अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात किया। यह चुनाव कमल नाथ के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हैं। इसके परिणाम यदि पार्टी के अनुकूल रहते हैं तो फिर यह माना जाएगा कि क्षेत्र में उनकी पकड़ है। यही कारण है कि प्रत्याशी चयन से लेकर मैदानी जमावट उनकी सहमति से ही की गई।
उधर, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि सभी केंद्रों के लिए मतदान दल रवाना किए जा चुके हैं। सुबह साढ़े पांच बजे माकपोल के बाद सात बजे से मतदान प्रारंभ हो जाएगा जो शाम छह बजे तक चलेगा। मतगणना 13 जुलाई को सुबह आठ बजे से होगी।