नई दिल्ली: भारत में ऐप-आधारित कैब सर्विस की पहुंच अब लगभग हर छोटे-बड़े शहरों में हो चुकी है। ये सर्विस देने वालों में ओला और उबर के अलावा ब्लूस्मार्ट, इनड्राइव, रैपिडो आदि कंपनियां शामिल हो चुकी हैं, जो लोगों को अधिक से अधिक ऑप्शन दे रही हैं। कई बार देखा गया है कि ड्राइवर किसी विशेष डेस्टिनेशन पर नहीं जाना चाहते या डिजिटल भुगतान स्वीकार नहीं करना चाहते। सर्ज प्राइसिंग और ड्राइवरों के गलत व्यवहार की शिकायतें भी आती रहती हैं। ड्राइवरों की ओर से अंतिम समय में बुकिंग कैंसल करने के बढ़ते मामले भी लोगों के लिए सिरदर्द बन गए हैं।
बनी हुई है समस्या
अप्रैल 2022 में लोकलसर्कल्स के एक सर्वेक्षण से पता चला कि 71% ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस के उपभोक्ता बुकिंग रद्द करने की समस्याओं का सामना कर रहे थे। मई 2022 में लोकलसर्कल्स सर्वेक्षण जारी होने के बाद, उपभोक्ता नियामक सीसीपीए ने अनुचित व्यापार प्रथाओं पर कुछ प्लेटफॉर्मों को नोटिस जारी किया, लेकिन इसका भी बुकिंग कैंसिलेशन पर खास प्रभाव नहीं पड़ा। अभी तक केवल दिल्ली सरकार ही कैब पॉलिसी का ड्राफ्ट लेकर आई है। हालांकि, इससे भी अंतिम समय में ड्राइवरों की ओर से बुकिंग कैंसल करने की घटनाओं पर रोक नहीं लग सकी।देश के 276 जिलों में हुआ सर्वेक्षण
ऐप-आधारित टैक्सी एग्रीगेटर्स पर लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए लोकलसर्कल्स ने यह पता लगाने के लिए एक और राष्ट्रीय सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया, जिसमें देखा गया कि पिछले 12 महीनों में उपभोक्ताओं के लिए जमीनी स्तर पर कुछ भी बदलाव आया है या नहीं। सर्वेक्षण भारत के 276 जिलों में हुआ। इस दौरान ऐप बेस्ड टैक्सी के उपभोक्ताओं से 44,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं। उत्तर देने वालों में 64% पुरुष और 36% महिलाएं थीं। 41% उत्तरदाता टियर 1 से, 36% टियर 2 से और 23% उत्तरदाता टियर 3, 4 और ग्रामीण जिलों से थे।इस तरह की परेशानी आई
सर्ज प्राइसिंग : 62%
लॉन्ग वेटिंग टाइम : 48%
कैंसिलेशन चार्ज : 23%
सेफ्टी इश्यूज : 6%
ड्राइवर की ओर से बुकिंग कैंसल : 75%
गाड़ी की सफाई की समस्या : 29%
शिष्टता संबंधित : 8%
अन्य : 12%
कोई समस्या नहीं : 0%
कुल प्रतिक्रियाएं : 11,119
इस कारण रद्द हुई बुकिंग
डेस्टिेनेशन का पता लगने पर : 37%कैश पेमेंट का पता चलने पर : 5%
उपरोक्त दोनों केस में : 42%
अन्य कारण : 9%
कोई परेशानी नहीं हुई : 5%
कह नहीं सकते : 2%
कुल प्रतिक्रियाएं : 10,948