US बेस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन OpenAI ने कहा है कि AI का इस्तेमाल भारत में लोकसभा चुनाव कैंपेन के लिए नहीं किया जा सकेगा। चुनाव निष्पक्ष आधार पर होना जरूरी है। OpenAI ने सोमवार को कहा कि वह कुछ ऐसे टूल लाएगी, जिससे डीपफेक वीडियोज, फोटोज और फेक न्यूज को रोका जा सके।
OpenAI ये दो बड़े बदलाव करेगी...
1. ChatGPT में जानकारी देने वाली लिंक्स अटैच करेगी
OpenAI का कहना है कि यूजर्स ChatGPT के जरिए रियल-टाइम जानकारी हासिल कर सकेंगे। चैटबॉट ने सूचना कहां से ली है, इसके लिए वो लिंक्स भी अटैच करेगी। फिलहाल ChatGPT में यह फीचर नहीं है।
कंटेट को इस्तेमाल करने के लिए कंपनी CNN, फॉक्स न्यूज, टाइम और ब्लूमबर्ग समेत कई मीडिया संस्थानों के साथ बातचीत कर रही है। एक्सेल स्प्रिंगर SE और एसोसिएट प्रेस के साथ कंपनी पहले ही समझौता कर चुकी है।
2. AI से जेनरेट तस्वीरों का पता चल सकेगा
OpenAI ने कहा कि वो ऐसा टूल लाने जा रहे हैं, जिससे AI से जेनरेट तस्वीरों की पहचानने में मदद होगी। इसके लिए कंपनी तस्वीरों को एनकोड करना शुरू करेगी। इससे यूजर्स को तस्वीर बनाने वाले और बनाने के समय तक की जानकारी मिल सकेगी। इससे लोग यह पता लगा सकेंगे कि कोई तस्वीर असली है या उसे कंप्यूटर की मदद से तैयार किया गया है।
AI के रिस्क पर 29 देश रखेंगे नजर
1 नवंबर 2023 को यूके ने AI सेफ्टी समिट होस्ट की थी, जहां अमेरिका, चीन, जापान, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और भारत और यूरोपीय संघ सहित 29 देशों ने एक डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर करने पर सहमति व्यक्त की थी। इसमें कहा गया था कि AI के संभावित रिस्क से निपटने के लिए ग्लोबल एक्शन की जरूरत है।
इसके बाद एक महीने बाद 12 दिसंबर को भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ग्लोबल पार्टनरशिप इवेंट (GPAI समिट-2023) में हुआ। यहां सभी देशों ने एक सुर में कहा कि हमें AI के इथिकल यूज के लिए मिलकर ग्लोबल फ्रेमवर्क तैयार करना होगा।