अब सस्ता होगा 'इराक का पानी', दोस्त रूस ने कर दी है मेहरबानी
Updated on
10-07-2024 01:57 PM
नई दिल्ली: रूस हमारा सबसे बड़ा ऑयल सप्लायर है। भारतीय कंपनियां कच्चे तेल और दूसरे वस्तुओं की खरीद का भुगतान दिरहम या रुपये में करती हैं। रूस के बैंक इसे लोकल करेंसी रूबल में बदलकर सप्लायर को भुगतान करते हैं। लेकिन इस काम के लिए वे तगड़ी फीस वसूलते हैं। लेकिन अब यह स्थिति बदलने वाली है। इसकी वजह यह है कि रूस का सरकारी बैंक Sberbank इस हाई ट्रांजैक्शन फीस में कटौती पर बातचीत के लिए सहमत हो गया है। रूस के दूसरे बैंक भी इसके लिए राजी हो सकते हैं। मिंट की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया है। इससे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत में गिरावट आ सकती है।